Tejashwi Yadav का नाम आज बिहार की सियासत में सबसे चर्चित नेताओं में गिना जाता है। एक समय में क्रिकेटर रहे तेजस्वी, आज लाखों युवाओं की आवाज बन चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने पिता लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत को संभाला बल्कि उसमें नया जोश भी भरा। तेजस्वी का व्यक्तित्व युवा, ऊर्जावान और आधुनिक सोच वाला है — जो बिहार की बदलती राजनीति का चेहरा बन चुका है।
प्रारंभिक जीवन और परिवार
Tejashwi Yadav का जन्म 9 नवंबर 1989 को बिहार के गोपालगंज जिले में हुआ था। पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी, दोनों ही बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। तेजस्वी यादव नौ भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनकी बहन मीसा भारती और भाई तेज प्रताप यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं।
उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम से की, लेकिन 10वीं क्लास से पहले ही क्रिकेट के सपने को पूरा करने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। यही फैसला आगे चलकर उनके जीवन का मोड़ साबित हुआ।
क्रिकेट से राजनीति तक का सफर
कम ही लोग जानते हैं कि Tejashwi Yadav ने क्रिकेट में विराट कोहली के साथ दिल्ली की अंडर-15 टीम में खेला था। वे एक ऑलराउंडर थे और 2008 में आईपीएल टीम दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े। हालांकि उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन उनका जज्बा कायम रहा।
बाद में उन्होंने झारखंड की ओर से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला, लेकिन 2013 में क्रिकेट छोड़कर राजनीति में कदम रखा। यह कदम न सिर्फ उनके करियर का, बल्कि बिहार की राजनीति का भी बड़ा मोड़ था।
राजनीति में प्रवेश और उपलब्धियां
Tejashwi Yadav ने 2010 से ही अपने पिता की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लिए प्रचार शुरू किया। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राघोपुर से जीत हासिल की और बिहार के सबसे युवा उपमुख्यमंत्री बने।
उनके नेतृत्व में बिहार में कई विकास योजनाएं शुरू हुईं —
- युवा रोजगार योजना, जिससे लाखों युवाओं को नौकरी के अवसर मिले।
- स्वास्थ्य सुधार अभियान, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों का विस्तार हुआ।
- ग्रामीण सड़क विकास कार्यक्रम, जिसने गांवों को शहरों से जोड़ा।
2020 के चुनाव में RJD को 75 सीटें मिलीं, और Tejashwi Yadav विपक्ष के नेता बने। उनके भाषणों में युवाओं और बेरोजगारी का मुद्दा हमेशा प्रमुख रहा है।
तेजस्वी यादव के सामने चुनौतियां और विवाद

हर सफल नेता की तरह Tejashwi Yadav का सफर भी विवादों से अछूता नहीं रहा।
उन्हें आईआरसीटीसी घोटाला (2017) और जॉब-फॉर-लैंड केस (2022) में आरोपों का सामना करना पड़ा। हालांकि तेजस्वी का कहना है कि ये सभी राजनीतिक साजिशें हैं।
वे हमेशा कहते हैं – “हम बिहार के युवाओं को मौका देंगे, डर को नहीं।”
इन विवादों के बावजूद उनकी लोकप्रियता में कमी नहीं आई। सोशल मीडिया पर उनका जुड़ाव युवाओं के साथ सीधा और जोशीला है।
पक्ष और विपक्ष: तेजस्वी यादव की राजनीति का संतुलन
| पक्ष (Pros) | विपक्ष (Cons) |
|---|---|
| युवा सोच और ऊर्जा से बिहार को नई दिशा दी। | परिवारवाद के आरोप। |
| रोजगार और विकास पर स्पष्ट फोकस। | कानूनी जांच और विवाद। |
| विपक्ष में मजबूत और प्रभावशाली आवाज। | गठबंधन टूटने के बाद राजनीतिक अनिश्चितता। |
इन बिंदुओं से साफ है कि तेजस्वी यादव ने बिहार की राजनीति में नई बहस और नया दृष्टिकोण लाया है।
तेजस्वी यादव की राजनीतिक समयरेखा
| वर्ष | घटना |
|---|---|
| 1989 | जन्म – गोपालगंज, बिहार |
| 2008 | आईपीएल में डेब्यू – दिल्ली डेयरडेविल्स |
| 2015 | विधायक और उपमुख्यमंत्री बने |
| 2020 | विपक्ष के नेता बने |
| 2022 | दूसरी बार उपमुख्यमंत्री |
| 2024 | विपक्ष में वापसी |
| 2025 | महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार |
यह समयरेखा दिखाती है कि कैसे Tejashwi Yadav ने 10 साल से भी कम समय में बिहार की सियासत में बड़ा स्थान बना लिया।
बिहार 2025 चुनाव और तेजस्वी यादव की दृष्टि
अब सबकी नजरें 2025 बिहार विधानसभा चुनाव पर हैं। महागठबंधन ने Tejashwi Yadav को आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है।
उनका विजन साफ है —
- हर जिले में उद्योग और रोजगार के अवसर,
- महिला सशक्तिकरण पर ध्यान,
- शिक्षा सुधार और
- बिहार को “मायावती” से “महान” बनाने की सोच।
तेजस्वी यादव खुद कहते हैं — “बदलाव लाना है तो बिहार के युवा आगे आएं।”
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: तेजस्वी यादव की उम्र क्या है?
उत्तर: 35 वर्ष (2025 तक)।
प्रश्न 2: वे किस पार्टी से हैं?
उत्तर: राष्ट्रीय जनता दल (RJD)।
प्रश्न 3: उनकी शिक्षा क्या है?
उत्तर: 10वीं तक पढ़ाई, इसके बाद क्रिकेट करियर।
प्रश्न 4: 2025 चुनाव में उनका रोल क्या होगा?
उत्तर: वे महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं।
क्या बिहार को नया नेतृत्व मिलेगा?
Tejashwi Yadav की कहानी यह बताती है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो रास्ते खुद बन जाते हैं। क्रिकेटर से नेता बनने तक का उनका सफर युवाओं के लिए प्रेरणा है।
अब बिहार की जनता तय करेगी कि क्या तेजस्वी यादव राज्य को एक नई दिशा दे पाएंगे।
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Disclaimer: इस लेख में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। हमारा उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है, किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल को आहत करना नहीं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विवेक से निष्कर्ष निकालें।
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