साल 2017 में जब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी लागू हुआ था, तब पूरा देश “वन नेशन, वन टैक्स” के नारे से गूंज उठा था। शुरुआत में यह टैक्स सिस्टम आसान लग रहा था, लेकिन समय के साथ इसमें कई स्लैब्स और रेट्स जुड़ते चले गए, जिससे यह थोड़ा जटिल हो गया। अब 2025 में सरकार ने जीएसटी को दोबारा सरल और जनहितकारी रूप देने के लिए इसे ‘जीएसटी 2.0’ के रूप में पेश किया है।
New GST Rate List 2025 में अब सिर्फ चार प्रमुख टैक्स स्लैब रखे गए हैं – 0%, 5%, 18% और 40%। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू हुए हैं ताकि नवरात्रि और दिवाली के फेस्टिव सीजन में ग्राहकों को राहत महसूस हो सके। अब टैक्स सिस्टम पहले से ज्यादा पारदर्शी और यूजर-फ्रेंडली हो गया है।
0% जीएसटी स्लैब: अब ज़रूरी चीज़ों पर कोई टैक्स नहीं
New GST Rate List में सबसे राहत देने वाला बदलाव यह है कि अब रोज़मर्रा की ज़रूरतों वाले सामान जैसे दूध, पनीर, चपाती, रोटी और खाखरा पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यही नहीं, स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण दवाइयां जैसे एगालसिडेज बीटा और इमिग्लूसिरेज भी अब टैक्स-फ्री हैं।
शिक्षा से जुड़ी चीज़ें जैसे पेंसिल, क्रेयॉन्स, नोटबुक्स और प्रिंटेड मैप्स भी अब 0% स्लैब में हैं। इस बदलाव से आम परिवारों के खर्चों में 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी देखी जा सकती है। अब सुबह का दूध और बच्चों की नोटबुक टैक्स-फ्री हो जाने से हर घर का मासिक बजट थोड़ा हल्का हो जाएगा।
5% जीएसटी स्लैब: रोजमर्रा की जरूरतों पर राहत
New GST Rate List 2025 में 5% वाला स्लैब सबसे लोकप्रिय माना जा रहा है क्योंकि इसमें घर की ज़्यादातर ज़रूरतों के सामान शामिल किए गए हैं। पहले जिन वस्तुओं पर 12% टैक्स देना पड़ता था, उन्हें अब 5% पर लाया गया है। इस श्रेणी में पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स जैसे शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट और टैल्कम पाउडर शामिल हैं।
खाद्य वस्तुओं में घी, बटर, नमकीन, जूस, चॉकलेट और आइसक्रीम जैसी चीज़ें भी अब सस्ती हो गई हैं। वहीं घर से जुड़ी वस्तुएं जैसे यूटेंसिल्स, बेबी बॉटल्स और क्लिनिकल डायपर्स भी अब कम टैक्स दर में हैं। किसानों और छोटे व्यवसायियों के लिए भी राहत है क्योंकि ट्रैक्टर्स और उनके पार्ट्स अब 5% टैक्स स्लैब में आ गए हैं। इस बदलाव से ग्रॉसरी बिल लगभग 8 से 10 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
18% New GST स्लैब: मिडिल क्लास के लिए स्टैंडर्ड टैक्स रेट
18% वाला स्लैब New GST Rate List 2025 का स्टैंडर्ड रेट है जिसमें मिडिल क्लास से जुड़े ज़्यादातर सामान आते हैं। पहले 28% टैक्स वाले इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स जैसे टीवी, एयर कंडीशनर और डिशवॉशर को अब इस स्लैब में शामिल किया गया है ताकि मध्यम वर्ग को राहत मिले।
वाहनों की बात करें तो पेट्रोल या हाइब्रिड कार्स, डीजल कार्स और मोटरसाइकिल्स (350cc तक) भी इसी स्लैब में रखे गए हैं। वहीं, सीमेंट, कोल और टायर्स जैसे प्रोडक्ट्स पर भी 18% टैक्स लागू है। कुल मिलाकर, अब इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदना पहले से सस्ता हुआ है जबकि निर्माण सामग्री की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं।
40% New GST Rates स्लैब: लग्जरी और सिन गुड्स पर सख्ती

सरकार ने स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से 2025 में 40% का नया टैक्स स्लैब लागू किया है। यह उन वस्तुओं पर लागू होता है जो लग्जरी या सिन गुड्स की श्रेणी में आती हैं। पान मसाला, सिगरेट, कैफीनेटेड ड्रिंक्स और एनर्जी बेवरेजेस जैसे उत्पाद अब 40% टैक्स के दायरे में हैं।
वहीं, लग्जरी कार्स, एयरक्राफ्ट, यॉट्स और फायरआर्म्स जैसे उत्पादों पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है। इसका मकसद है कि जो चीज़ें पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं, उन पर नियंत्रण रखा जा सके। अब बड़ी और महंगी कारें पहले से अधिक टैक्स के कारण महंगी हो गई हैं, जबकि आम वाहनों पर राहत जारी है।
विशेष दरें: गोल्ड और डायमंड पर अलग टैक्स स्ट्रक्चर
New GST Rate List 2025 में सोना और हीरे जैसी कीमती वस्तुओं के लिए अलग टैक्स दर रखी गई है। सोने और चांदी के आभूषणों पर 3% टैक्स लगाया गया है जबकि रफ डायमंड्स पर केवल 0.25% टैक्स है। इससे ज्वेलरी मार्केट को स्थिरता मिलेगी और शादी के सीजन में लोगों को थोड़ी राहत भी। हालांकि टोबैको उत्पादों पर फिलहाल 28% टैक्स बरकरार है, लेकिन जल्द ही इसे 40% तक बढ़ाया जा सकता है।
क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा?
New GST Rate List 2025 के लागू होने के बाद हेयर ऑयल, घी, बटर, और छोटी कारें सस्ती हो गई हैं। पहले 18% टैक्स वाले पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स अब 5% पर आ गए हैं जिससे रोज़मर्रा का खर्च कम हो गया है। वहीं, लग्जरी कार्स और पान मसाला जैसे उत्पाद पहले 28% पर थे, अब 40% टैक्स में आ गए हैं जिससे उनकी कीमतें बढ़ी हैं।
एक साधारण परिवार का उदाहरण लें तो पहले ₹10,000 का जो ग्रॉसरी बिल बनता था, अब वही करीब ₹9,200 में निपट सकता है। हालांकि, अगर कोई लग्जरी कार खरीदना चाहता है, तो उसे अब ₹50 लाख की जगह ₹52 लाख तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
New GST Rate List 2025 के फायदे
इस बदलाव का फायदा न सिर्फ आम उपभोक्ताओं को मिलेगा बल्कि बिजनेस समुदाय को भी। अब टैक्स रेट्स आसान और पारदर्शी हैं, जिससे टैक्स कैलकुलेशन और फाइलिंग पहले से सरल हो गया है। कम्पोजिशन स्कीम को 1.5%, 5% और 6% पर जारी रखा गया है ताकि छोटे व्यापारियों को राहत मिल सके।
आम जनता के लिए यह बदलाव इसलिए फायदेमंद है क्योंकि महंगाई पर नियंत्रण रहेगा और ग्रॉसरी, हेल्थ प्रोडक्ट्स और एजुकेशनल आइटम्स जैसी ज़रूरी चीज़ें सस्ती हो गई हैं। सरकार का मकसद स्पष्ट है – टैक्स चोरी पर रोक लगाना और ईमानदार टैक्सपेयर को राहत देना।
New GST Rate List 2025 से जुड़े आम सवाल
New GST Rate List 2025 को 22 सितंबर 2025 से लागू किया गया है और यह नोटिफिकेशन 09/2025 से 17/2025 तक जारी किया गया था। यह बदलाव ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी लागू हैं। हालांकि डिलीवरी सर्विसेज पर 18% टैक्स ही रहेगा। गोल्ड पर अब 3% टैक्स लगता है जबकि मेकिंग चार्ज पर 5%। एक्सपोर्टर के लिए स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है क्योंकि एक्सपोर्ट्स अभी भी ज़ीरो-रेटेड कैटेगरी में हैं।
समझदारी से करें शॉपिंग, बचाएं पैसा
New GST Rate List 2025 ने टैक्स सिस्टम को नया रूप दिया है। अब यह सिस्टम पहले से ज्यादा सरल, पारदर्शी और उपभोक्ता-हितैषी है। चाहे आप छोटे व्यापारी हों या घर संभालने वाले उपभोक्ता, अब टैक्स कैलकुलेशन आसान हो गया है।
अगली बार जब आप बाजार या ऑनलाइन शॉपिंग करने जाएं, तो यह लिस्ट ज़रूर याद रखें। इससे आप जान पाएंगे कि कौन-सा सामान सस्ता हुआ और कहां बचत की जा सकती है। स्मार्ट शॉपिंग करें और बचत को अपनी मुस्कान में बदलें।
Disclaimer: यह लेख भारत सरकार की सितंबर 2025 में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग और आधिकारिक नोटिफिकेशन पर आधारित है। नवीनतम दरों और अपडेट्स के लिए हमेशा www.gst.gov.in वेबसाइट विजिट करें। New GST
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