नई दिल्ली – 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद राजनीतिक तापमान एक बार फिर तेज हो गया है। इस बार कांग्रेस नेता Congress Rahul Gandhi ने चुनाव आयोग (EC) और केंद्र सरकार पर सीधे तौर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान वोटिंग प्रक्रिया में संगठित धांधली की गई, जिसका लाभ सत्ताधारी भाजपा (BJP) को मिला।
इस बयान के बाद देश की राजनीति में हड़कंप मच गया है, और इस मुद्दे ने मीडिया से लेकर संसद तक सबका ध्यान खींचा है।
राहुल गांधी का आरोप – “चुनाव पहले से तय थे”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा:
“देश में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है। यह चुनाव एक निष्पक्ष प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि यह एक ‘कोरियोग्राफ्ड इवेंट’ था, जहां सबकुछ पहले से तय था। चुनाव आयोग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।”
Congress Rahul Gandhii ने बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कथित अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन इलाकों में वोटिंग प्रतिशत में असामान्य बढ़ोतरी देखी गई, जो संदेह को जन्म देती है।
Congress का चुनाव आयोग पर सीधा हमला
Congress Rahul Gandhi पार्टी ने बाकायदा एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें वोटिंग डेटा, समयसीमा और मतगणना में हुए बदलावों का विश्लेषण किया गया है। पार्टी का दावा है कि:
- EC ने बिना स्पष्ट कारण के कई सीटों पर देर से वोटिंग डाले गए वोट शामिल किए।
- लगभग 300 से ज्यादा सीटों पर आखिरी चरण में वोट प्रतिशत में असामान्य उछाल आया।
- EVM डेटा की तुलना में VVPAT स्लिप्स का मिलान बहुत सीमित था।
इस रिपोर्ट के जरिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गहरा सवाल उठाया है।
BJP की प्रतिक्रिया: “हार की बौखलाहट”
भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि:
Congress Rahul Gandhi को हार स्वीकार करनी चाहिए। जनता का फैसला सर्वोच्च है और यह उनके खिलाफ गया है। ऐसे बेबुनियाद आरोप लोकतंत्र की गरिमा को चोट पहुंचाते हैं।”
भाजपा नेताओं ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस के पास कोई ठोस सबूत है, तो वह सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत करे।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह के आरोप विपक्ष की रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं, खासकर तब जब चुनावों में उनका प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहा हो। लेकिन कई विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि यदि इतने बड़े स्तर पर अनियमितताओं का दावा किया जा रहा है, तो इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने कहा:
“यह बात सच है कि कई सीटों पर वोटिंग प्रतिशत अचानक बढ़ा। इसके पीछे प्रशासनिक कारण हो सकते हैं या फिर कुछ और। लेकिन पारदर्शिता बनाए रखना लोकतंत्र की आत्मा है, और EC को जवाब देना चाहिए।”
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने आग की तरह फैल गया है। ट्विटर पर #VoterFraud और #CongressRahulGandhi ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग कांग्रेस के समर्थन में दिखे, तो कुछ ने राहुल गांधी पर चुनावी हार को न पचा पाने का आरोप लगाया।
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा:
“अगर राहुल गांधी के पास सबूत हैं, तो कोर्ट जाएं, सिर्फ़ मीडिया में बोलने से कुछ नहीं होगा।”
वहीं एक अन्य ने कहा:
“अगर EC ने गड़बड़ी नहीं की, तो पारदर्शी तरीके से जांच करवाने में डर कैसा?”
क्या है आगे की रणनीति?
Congress Rahul Gandhi ने यह भी घोषणा की है कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएगी और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख भी करेगी। पार्टी चाहती है कि पूरे चुनावी सिस्टम की निष्पक्षता की एक उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।