क्या आपने कभी सोचा है कि बिहार की राजनीति में अगला बड़ा बदलाव कौन लेकर आएगा? Bihar Election Survey 2025 के ताज़ा नतीजे इस बार कई चौंकाने वाले संकेत दे रहे हैं। ओपिनियन पोल्स के अनुसार एनडीए मज़बूत स्थिति में दिख रहा है, जबकि महागठबंधन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं सर्वे के ताज़ा आंकड़े और जनता की राय।
बिहार चुनाव 2025 का नया परिदृश्य
Bihar Election Survey 2025 अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है। पिछली बार 2020 में एनडीए ने सत्ता संभाली थी, लेकिन अब समीकरण बदले हुए हैं।
- नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी गठबंधन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत दिखाई दे रहा है।
- दूसरी ओर तेजस्वी यादव की आरजेडी महागठबंधन का नेतृत्व कर रही है।
- वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी नई राजनीतिक ताकत बनकर उभर रही है।
Bihar Election Survey 2025 के मुताबिक, इस बार जातीय समीकरणों के साथ-साथ विकास और रोजगार जैसे मुद्दे भी चुनाव का बड़ा फैक्टर बनेंगे।
प्रमुख ओपिनियन पोल्स की तस्वीर
- टाइम्स नाउ–जेवीसी पोल: एनडीए को करीब 136 सीटें, जबकि महागठबंधन को 75 सीटों का अनुमान। AIMIM को 3 और जन सुराज को 2 सीटें मिल सकती हैं।
- मूड ऑफ द नेशन पोल: एनडीए का वोट शेयर लगभग 50% तक पहुंच सकता है, जो 2024 लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा है।
इन नतीजों से साफ है कि जनता इस बार विकास और रोजगार जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दे रही है।
सीटों का अनुमान और वोट शेयर
जेवीसी पोल के अनुसार—
- बीजेपी: 64 सीटें
- जेडीयू: 29 सीटें
- आरजेडी: 37 सीटें
- कांग्रेस: 8 सीटें
पोल ट्रैकर रिपोर्ट बताती है कि उत्तर बिहार में एनडीए की स्थिति मज़बूत है, जबकि मिथिलांचल में महागठबंधन को फायदा मिल सकता है।
कौन से मुद्दे करेंगे असर?
- बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है।
- 58% जनता ने कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन सही है।
- सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा लोगों की प्राथमिकता में हैं।
- जातीय समीकरण अब भी निर्णायक रहेंगे, खासकर दलित और पिछड़े वर्ग का वोट।
क्यों मज़बूत है एनडीए?
- नीतीश कुमार का अनुभव और नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता गठबंधन की ताकत है।
- विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने की रणनीति कारगर हो रही है।
- अधिकांश पोल्स में एनडीए को बहुमत से आगे दिखाया गया है।
महागठबंधन की मुश्किलें
- तेजस्वी यादव को लोग पसंद तो कर रहे हैं, लेकिन गठबंधन की एकजुटता कमजोर दिख रही है।
- कांग्रेस और वामपंथी दलों का प्रदर्शन उम्मीद से कमज़ोर है।
- महागठबंधन को जीत के लिए नए मुद्दे और मज़बूत रणनीति चाहिए।
जन सुराज और प्रशांत किशोर की भूमिका
- जन सुराज पार्टी पहली बार मैदान में है और युवाओं के बीच चर्चा में है।
- कुछ पोल्स में इसे 2 सीटें मिल सकती हैं, जबकि शाइनिंग इंडिया सर्वे में इसका वोट शेयर 11% तक बताया गया।
- यह पार्टी बड़ी जीत न भी हासिल करे, लेकिन चुनावी नतीजों पर असर डाल सकती है।
अन्य पार्टियों का प्रभाव
- AIMIM को मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 3 सीटें मिल सकती हैं।
- बीएसपी और छोटी पार्टियां 6–7 सीटें हासिल कर सकती हैं।
- कई जगहों पर स्वतंत्र उम्मीदवारों का भी असर रहेगा।
जातीय समीकरणों की भूमिका
बिहार की राजनीति में जाति हमेशा अहम रही है।
- दलित वोटर्स का रुझान महागठबंधन की ओर झुक रहा है।
- सवर्ण और मध्यवर्गीय वोटर्स एनडीए के साथ हैं।
- कुछ वर्ग जन सुराज पार्टी को भी मौका दे सकते हैं।
प्रचार और चुनावी रणनीति
- एनडीए अपनी कैंपेनिंग में विकास और सुशासन को उभार रहा है।
- महागठबंधन बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों को जनता के बीच ले जा रहा है।
- टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया कैंपेन इस बार चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा होंगे।
जनता का मूड और रुझान
- बुजुर्ग मतदाता बीजेपी के साथ खड़े दिख रहे हैं।
- मुस्लिम समुदाय में भी एनडीए को कुछ हद तक समर्थन मिला है।
- युवा मतदाता बदलाव चाहते हैं, लेकिन उनकी राय बंटी हुई है।
निष्कर्ष: क्या कहता है Bihar Election Survey 2025?
अब तक आए अधिकतर सर्वे इस ओर इशारा करते हैं कि एनडीए को बहुमत मिल सकता है, जबकि महागठबंधन कठिनाई में है।
- जन सुराज और छोटी पार्टियां स्पॉइलर की भूमिका निभा सकती हैं।
- रोजगार और विकास जैसे मुद्दे चुनाव का भविष्य तय करेंगे।
जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएंगे, नए सर्वे और अपडेट्स सामने आएंगे। हम आगे भी Bihar Election Survey 2025 से जुड़ी ताज़ा जानकारियाँ आपके साथ साझा करेंगे।
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Writer by [Md Sadre Alam]