HomeNew UpdateAfghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में फिर हिला धरती का सीना, जानें ताज़ा हालात

Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में फिर हिला धरती का सीना, जानें ताज़ा हालात

एक बार फिर अफगानिस्तान में भूकंप हुआ। रात में आए इस अफगानिस्तान भूकंप Afghanistan Earthquake ने लोगों की ज़िंदगी को हिला कर रख दिया। सैकड़ों घर मलबे में बदल गए, हजारों लोग बेघर हो गए, और कई परिवार अपनों को खोने के ग़म में डूब गए। राहत कार्य बहुत कठिन हो रहे हैं, खाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में।

युद्ध और गरीबी से पहले से ही परेशान अफगानिस्तान में यह प्राकृतिक आपदा और गहरी चोट छोड़ गई है। आइए जानते हैं इस हादसे से जुड़ी ताज़ा जानकारी विस्तार से।

Afghanistan Earthquake: कब और कहां आया भूकंप?

यह भूकंप 31 अगस्त 2025 की रात 11:47 बजे (स्थानीय समय) आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.0 दर्ज की गई। गहराई मात्र 8 किलोमीटर होने की वजह से इसका असर बहुत ज़्यादा रहा।

इसका एपिसेंटर नंगरहार प्रांत के कुज कुनार जिले में था, जो जलालाबाद से लगभग 27 किलोमीटर दूर और पाकिस्तान की सीमा से करीब 25 किलोमीटर नजदीक है। झटके सिर्फ अफगानिस्तान तक सीमित नहीं रहे, बल्कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और भारत की राजधानी दिल्ली तक महसूस किए गए।

सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके

इस Afghanistan Earthquake का सबसे गहरा असर नंगरहार, कुनार और लगमान प्रांतों में देखने को मिला।

  • कुनार के कई जिले पूरी तरह तबाह हो गए, जिनमें वादिर, शोमाश और मसूद गांव प्रमुख हैं।
  • वादिर गांव में 90% आबादी या तो मारी गई या घायल हुई।
  • मिट्टी-पत्थर से बने घर मिनटों में जमींदोज़ हो गए।
  • संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 600 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके हैं।

भूस्खलन ने राहत कार्य और मुश्किल बना दिए। सड़कों के बंद होने से बचाव दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में घंटों का समय लगा।

हताहतों की संख्या और मानवीय त्रासदी

अब तक की आधिकारिक जानकारी के अनुसार:

  • 812 लोगों की मौत हो चुकी है।
  • 2,800 से ज्यादा घायल हुए हैं।
  • सबसे ज्यादा मौतें कुनार प्रांत में हुई हैं।
  • नंगरहार के दाराई नूर जिले में 12 मौतें और 255 लोग घायल।
  • लगमान में 80 से ज्यादा लोग जख्मी हुए।

दुर्भाग्य से महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए क्योंकि कच्चे मकान गिरने से वे मलबे में दब गए।

Afghanistan Earthquake का वैज्ञानिक कारण

अफगानिस्तान भूगर्भीय रूप से बेहद संवेदनशील इलाका है। यहां यूरेशियन प्लेट, अरबियन प्लेट और इंडियन प्लेट आपस में टकराती हैं। इस क्षेत्र में मौजूद चमन फॉल्ट लाइन बार-बार विनाशकारी भूकंपों का कारण बनती है।

इस बार रिवर्स फॉल्टिंग के कारण झटके और भी ज्यादा तेज़ महसूस हुए। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यहां हर साल टेक्टोनिक प्लेट्स लगभग 39 मिमी की दर से खिसकती हैं, जिससे भविष्य में भी बड़े भूकंप होने की संभावना बनी रहती है।

राहत और बचाव कार्य

भूकंप के तुरंत बाद तालिबान सरकार ने राहत कार्य शुरू किए।

  • करीब 1.5 मिलियन डॉलर या 100 मिलियन अफगानी की राशि आवंटित की गई थी।
  • अफगान रक्षा मंत्रालय ने 30 डॉक्टर और 800 किलो दवाएं हेलीकॉप्टर से प्रभावित इलाकों में भेजीं।
  • चार हेलीकॉप्टरों से मेडिकल टीमों को नुर्गल जिले में उतारा गया।
  • स्थानीय लोग और अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी भी बचाव अभियान में जुटी है।

हालांकि, संसाधनों की कमी के चलते तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है।

अंतरराष्ट्रीय सहायता

इस त्रासदी में अफगानिस्तान को कई देशों और संगठनों ने हाथ बढ़ाया है।

  • संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत राहत टीम भेजी।
  • ईरान ने मेडिकल किट और मानवीय सहायता का ऐलान किया।
  • भारत ने 15 टन खाद्य सामग्री और 1,000 टेंट भेजे।

फिर भी अफगानिस्तान की राजनीतिक परिस्थितियां राहत सामग्री पहुंचाने में बड़ी बाधा बनी हुई हैं।

Afghanistan Earthquake का इतिहास

अफगानिस्तान लंबे समय से भूकंपों की मार झेलता रहा है।

  • 2023 हेरात भूकंप: 2,000 से ज्यादा मौतें।
  • 2022 पक्तिका भूकंप: 1,000 से अधिक मौतें।
  • 2015 हिंदू कुश भूकंप: 399 मौतें, पाकिस्तान भी प्रभावित।
  • 1998 का भूकंप: 6.6 तीव्रता, 4,000 से ज्यादा मौतें।

यहां हर दशक में बड़े पैमाने पर भूकंप आते रहते हैं, जिससे अफगानिस्तान उच्च-जोखिम वाला भूकंपीय क्षेत्र बन चुका है।

भविष्य के लिए क्या जरूरी है?

  • भूकंप-रोधी निर्माण को प्राथमिकता देनी होगी।
  • लोगों को जागरूक करना होगा कि भूकंप के दौरान सुरक्षित कैसे रहें।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग से अफगानिस्तान में आपदा प्रबंधन व्यवस्था को मज़बूत करना बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष

Afghanistan Earthquake एक भयावह त्रासदी है, जिसने सैकड़ों जिंदगियां निगल लीं और हजारों लोगों को बेघर कर दिया। 6.0 तीव्रता वाले इस भूकंप ने साफ कर दिया कि अफगानिस्तान जैसे भूकंप-प्रवण देशों को बेहतर तैयारी और मजबूत आधारभूत ढांचे की सख्त जरूरत है।

दुनिया भर से मदद और दुआएं पहुंच रही हैं, लेकिन असली राहत तभी मिलेगी जब प्रभावित लोगों को जल्द भोजन, आश्रय और चिकित्सा सुविधा मिल सके।

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