Bihar Election: Darbhanga Jale विधानसभा सीट पर इस बार का सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस की पहली उम्मीदवार सूची जारी होने के बाद जाले सीट पर टिकट पाने वाले मोहम्मद नौशाद की खुशी ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सकी। नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने उनका टिकट वापस लेकर नया चेहरा उतार दिया, जिससे इस सीट पर एक बार फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है।
टिकट मिलने के बाद नौशाद की खुशी क्यों टूटी?
दरअसल, कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में 48 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे, जिनमें से एक नाम मोहम्मद नौशाद का भी था। उन्हें दरभंगा जिले की जाले सीट से टिकट दिया गया था। लेकिन नामांकन के आखिरी दिन अचानक पार्टी ने उनका टिकट रद्द कर दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई।
नौशाद का कहना है कि उन्होंने राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के लिए काम किया, अपने लिए नहीं। मगर उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐसा नैरेटिव सेट किया कि कांग्रेस को अपना निर्णय बदलना पड़ा।
पीएम मोदी की मां को लेकर विवाद बना वजह
मोहम्मद नौशाद का नाम तब सुर्खियों में आया जब दरभंगा में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के मंच से किसी शख्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के लिए अपशब्द कहे थे।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया। मामला इतना बढ़ा कि पीएम मोदी ने भी इस घटना का ज़िक्र करते हुए कहा था – यह सिर्फ मेरी मां का नहीं, देश की हर मां-बहन-बेटी का अपमान है।
कांग्रेस ने सफाई दी कि जब अपशब्द बोले गए, तब नौशाद मंच पर मौजूद ही नहीं थे, मगर तब तक मामला इतना तूल पकड़ चुका था कि पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा।
कांग्रेस ने बदला फैसला, मैदान में उतरे Rishi Mishra
कांग्रेस हाईकमान ने माहौल को देखते हुए Bihar Election: Darbhanga Jale सीट पर नया उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया।
अब इस सीट से महागठबंधन की ओर से Rishi Mishra को टिकट दिया गया है।
ऋषि मिश्रा, पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के पौत्र हैं और उन्हें दरभंगा क्षेत्र में एक प्रभावशाली चेहरा माना जाता है। वे पहले आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन अब कांग्रेस के बैनर तले मैदान में उतर रहे हैं।
नौशाद की भावनात्मक प्रतिक्रिया
टिकट कटने के बाद मीडिया से बात करते हुए नौशाद भावुक हो गए। उन्होंने कहा — मैंने राहुल गांधी जी के लिए मेहनत की, अपने लिए नहीं। लेकिन कुछ लोगों ने साजिश की और मेरा टिकट कट गया।
मेरे खिलाफ झूठा नैरेटिव फैलाया गया, जबकि दरभंगा पुलिस से लेकर एसएसपी तक सब जानते हैं कि मैं वहां मौजूद नहीं था।”
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के प्रति वफादारी और बिहार के हित को ध्यान में रखकर उन्होंने हाईकमान का फैसला स्वीकार किया।
पिछली बार भी जाले सीट पर हुआ था विवाद
यह पहला मौका नहीं जब Bihar Election: Darbhanga Jale सीट विवादों में रही हो।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष मशकूर उस्मानी को टिकट दिया था।
तब बीजेपी ने उन पर मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर का समर्थन करने का आरोप लगाया था, जिससे कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
ऐसे में इस बार पार्टी किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती थी।
बीजेपी के उम्मीदवार जीवेश मिश्रा के सामने सख्त चुनौती
दरभंगा जिले की जाले विधानसभा सीट से बीजेपी ने जीवेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है, जो नितीश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
अब कांग्रेस-महागठबंधन की तरफ से Rishi Mishra के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है।
दोनों नेताओं की राजनीतिक पकड़ और जातीय समीकरणों के चलते यह सीट पूरे बिहार की सबसे हाई-प्रोफाइल सीटों में गिनी जा रही है।
बिहार चुनाव का शेड्यूल
राज्य में दो चरणों में मतदान होना है –
- पहला चरण: 6 नवंबर
- दूसरा चरण: 11 नवंबर
वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।
दरभंगा जिले की जाले सीट पर पहले चरण में ही मतदान होना है। इसलिए यहां का माहौल अभी से गर्माया हुआ है।
दरभंगा जाले सीट बनी सियासी हॉटस्पॉट
Bihar Election: Darbhanga Jale विधानसभा सीट इस बार सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र नहीं बल्कि बिहार की राजनीति का केंद्र बन चुकी है।
मोहम्मद नौशाद के टिकट कटने और Rishi Mishra के नए उम्मीदवार बनने से माहौल पूरी तरह बदल गया है।
जहां बीजेपी अपनी पुरानी पकड़ बचाने में जुटी है, वहीं कांग्रेस और आरजेडी इस सीट पर नया समीकरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाती है – पुराने अनुभव को या नए चेहरे पर भरोसा करती है।
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